Friday, 24 October 2014
Saturday, 22 March 2014
आयल गामक याद-
आयल गामक याद-
एक समयक बात छल , हम दिल्लीसँ गाम गेल छलहुँ, हमर काका के बेटा सेहो २६ सालक बाद गाम आयल छलथि ! हुनका सोझाँ देखि कs मन बढ हर्षित भेल, जेना एकटा मरल प्राणीमे जान अबैत अछि, ओहिना हम अपनाकेँ महसूस करैत छलहुँ ! ई बात हमर जन्मसँ किछ पहिनेक छी ! भैयाक मुखसँ सुनल ई वास्तविक कहानी छी !
हम भैयासँ पुछलियनि जे अहाँ अपन जीवनक यथार्थ कथा सुनाउ , अहाँ गामसँ केना भागलहुँ आऽ केना गामक याद आयल कोना मोन पड़ल, से हम अहाँसँ जानए चाहैत छी !
भैयाक मुखसँ निकलल बास्तविक सच ई अछि !-----
हम आठ सालक छलहुँ, बाबू काका सभ स्कूल जाय के लेल बरम बार कहइ छलथि, तँ हम आन गाम भागि जाइत छलहुँ ! एहिना सभ दिन कुनू न कुनू बहाने कतहु ने कतहु चलि जाइत छलहुँ !
भैयाक मुखसँ निकलल बास्तविक सच ई अछि !-----
हम आठ सालक छलहुँ, बाबू काका सभ स्कूल जाय के लेल बरम बार कहइ छलथि, तँ हम आन गाम भागि जाइत छलहुँ ! एहिना सभ दिन कुनू न कुनू बहाने कतहु ने कतहु चलि जाइत छलहुँ !
एक दिन स्कुलक खातिर काका आओर बाबू बड़ मारि मारलथि, हम स्कुल जाया काल में किताब कॉपी लए स्कुल चलि गेलहुँ, ओम्हरसँ अबैत काल किताब कोपीकेँ एगो बोनमे फेक देलियैक आर गाम छोरि देलियैक ! भगिते - भगिते विदेश्वरस्थान एलहुँ, पटना बला बसक पाछाँमे हम लटकि गेलहुँ। जतए कण टेक्टर टोकैत छल ओतय हम उतरि जाइत छलहुँ ! एहिना कऽ कए पटना पहुँचि गेलहुँ,
पटना जाइत जाइत हमरा भूख बहुत जोर लागि गेल छल ! हम एकटा मारवाड़ी होटलक सामने गेलहुँ, जाऽ कए ठार भऽ गेलहुँ ! हमरा जेबमे एकोटा फुटल कौरी नञि छल, जे हम भोजन करितहुँ, आधा घंटा हम होटलक सामने ठार छलहुँ, तँ ओकर मालिक कहलक, जे "बेटा तोहार के भूख लागल बा का?" हम चुप - चाप मूड़ी डोलाऽ देलियनि। ओऽ हमरा रोटी आर तरकारी देलक, हम भरि पेट भोजन केलहुँ ! बादमे कहलियनि, जे हमरा होटलमे नोकरी देब की ? ओऽ हमरा ८५ रुपैया महिनाक हिसाबसँ नोकरी पर रखलक ! हम होटलमे तीन मास काज केलहुँ, ओतय एक दिन कारीगरसँ झगड़ा भऽ गेल, तँ हम स्टेसन पर आबि कए बैसि गेलहुँ, ओतय आठ घंटा बैसल छलहुँ ! चारिटा आदमी सेहो बैसल छलथि, ओऽ आपसमे बात करैत छलथि, जे गुजरातमे बड़ नीक नोकरी भेटैत छैक, से सभ आदमी ओतय चलितहुँ ! हम ई बात अपन कानसँ सुनलहुँ आर हुनका सभकेँ कहलियनि, हमहूँ अपने सभक संग चली? लेने जाएब ? ओ सब कहलथि, चलू। किए नञि लऽ जाएब !
हुनका सभक संग गुजरात पहुचलहुँ, ओइठाम सभ आदमी कपड़ा छपाई केर कंपनीमे काज पकड़लहुँ ! ओतय हमरा १६० रुपैआ महिनाक हिसाबसँ तनखा भेटए लागल ! दिन , महिना , साल बीति गेल, हम सेहो २० सालक भऽ गेलहुँ ! सोचलहुँ जे गाम चलि जाइत छी, ओतय बाबू काकाकेँ कह्बनि, विवाह दान कराऽ देताह, आऽ गामेमे रहब, खेती बारी करब ! फेर एक दिन अचानक मोन पड़ल, जे हमरा बाबु आऽ काका बड़ मारि मारलथि, आऽ घरसँ भगा देलथि। हम गाम नञि जायब !
समय बितल गेल, अचानक एक दिन दरभंगाक एक व्यक्ति भेटलाह, पुछलथि, जे अपनेक घर कतए भेल ? हम अपन घरक पता बिसरि गेल छलहुँ ! केवल अपन गामक नाम बतेलियनि आऽ बाबुक नाम ! ओऽ कहलथि, जे ओहि गाममे तँ १९८७ मे बड़ बाढ़ि आयल छल, ओहि गाममे बहुत लोक भसिया गेल, कतेक घर सेहो उजरि गेल ! पता नञि अहाँक घरक की भेल ! हम कहलियनि, जे हमरो घर फूसेक छल ! पता नञि, ओहो भासि गेल की ठीक अछि ! सुनि कऽ बड़ दुःख भेल, सोचलहुँ, आब की कएल जाय ! ओहि व्यक्तिसँ पुछलियनि ! जबाब भेटल, जे अहाँ एतहि विवाह दान कs लियऽ, हमरा एकटा सुपुत्री अछि हुनकेसँ !
ओहिठाम विवाह केलहुँ, दुटा संतान सेहो उत्पन्न भेल, लक्ष्मी आर आनंद ! दुनुकेँ अएलासँ हमरा अपन परिवार , अपन घर , अपन गाम सभ बेर-बेर याद आबए लागल, मुदा करब तँ करब की ! दुनुटा आठ आर छः सालक भऽ गेल छल ! ओऽ सभ बेर-बेर पुछैत छल, जे हमर बाबा आऽ मैयाँ कतए छथि ! हम मोनमे मात्र ईएह सोची, जे माई आर बाबु आब कतए हेथिन आऽ कोना ई जीबैत हेताह ! जेना हम लक्ष्मी आऽ आनंदक लेल जान प्राण दैत छी, तहिना हमरो माई आर बाबु हमरा लेल प्राण दैत हेताह ! नञि, हमरासँ बड़का भूल भेल, जे हम अपन गामकेँ त्यागलहुँ ! मोनमे मात्र माञि आर बाबुक याद अबैत छल ! जे बाबु केना हेताह, माई हमर कतए हेतीह ! पता नञि काका आऽ काकी कतय हेताह, बेर-बेर मोनमे ईएह खयाल अबैत छल ! सोचलहुँ जे एक महिनाक छुट्टी लए गामसँ घूमि आबी ! आऽ सभ धिया-पुताकेँ सेहो घुमा देबए ! जे कमसँ कम गामक याद तँ अबिते रह्तए !
सभ परिवार मिलि कए हम दरभंगा पहुचलहुँ ! ओतयसँ टेकर कऽ कए बिदेश्वर स्थान पहुचलहुँ, ओतयसँ हम ई नञि जानैत छलहुँ, जे हमर गाम किमहर अछि आऽ हम कतय जायब , हम की करब ! ओतय बाबा बिदेश्वरक पोखरिमे स्नान केलहुँ आऽ बाबाकेँ सेहो प्रणाम केलहुँ ! सभ बच्चा सभकेँ भूख सेहो लागि गेल छल ! सोचलहुँ जे गामक पवित्र भोजन चूडा दही चीनी होइत छञि, से ग्रहण करी ! भोजन केलाक उपरांत होटल मालिकसँ पुछलियनि, जे यौ हमरा पट्टीटोल जेबाक अछि, से हम केना जाएब ! ओऽ हमरा कहलथि जे अहिठामसँ रिक्सा भेटत, ओऽ अहाँकेँ घर तक छोड़ि देत ! हम सभ रिक्सापर बैसलहुँ, रिक्सा बाला भरि रस्ता ईएह पुछैत छल, जे मालिक अहाँक कोन टोल घर अछि ! जबाब किछु नञि भेटैत छल, जे हम रिक्साबाला के कहबइ !
जौँ जौँ हम अपन घरक दिस जाइत छलहुँ, किछु नञि किछु याद जरुर अबैत छल ! रिक्सा बालासँ बस केवल ईएह कहैत छलहुँ, जे कनिक दूर घर आर अछि ! अपन घरक लग जखन गेलहुँ तँ छोटका काका नज़र पड़लाह, हम हुनका चीन्हि गेलियनि, मुदा हमरा ओऽ नञि चीन्हि सकलाह। किएक तँ २६ साल भऽ गेल छल ओऽ बहुत जरुरी काजसँ हाथमे टेंगारी लए जाइत छलथि ! कनेक दूर जखन आगू गेलहुँ, देखलहुँ जे ओऽ फूसिक घर ओहि दिशामे अछि जाहि दिशामे हमरा सभ किछु यादि छल ! सभ ठीक-ठाकसँ याद आबए लागल !
हम जखन दलान पर पहुंचलहुँ, सब हमरा दिस घुरि-घुरि कए देखैत छल, जे ई व्यक्ति अपन परिवारक संग के थिकाह ! हम रिक्सा बालाकेँ पाइ दऽ देलियनि आऽ एकटा छोट छीन बुच्चीसँ पुछलियनि, अपन बाबुक नाम लऽ कए, जे हुनकर घर कोन छियनि। ओऽ बुच्ची कहलथि जे ईएह छियनि हुनकर घर !
देखलो अंगनामे कन्नारोहट होइत छल, सभ जोर-जोरसँ कनैत छल, काकी यै काकी, हमरा छोड़ि कऽ कतय चलि गेलहुँ ! आँगन जखन पहुंचलहुँ, देखलहुँ, ओऽ लाश ओऽ मुर्दा हमर माइक छी ! हम अपन आपकेँ सम्हारि नञि सकलहुँ ! जोर-जोरसँ कानए लगलहुँ! लक्ष्मी आर आनंद पुछलक, जे पापा अहाँ किए कनैत छी ! हम कहलियनि, जे ई अहाँक दादी माइ छथि। ई अपना सभकेँ छोड़ि कए चलि गेलीह। बहुत गलती भेल जे हम एको दिन पहिने किएक नञि अएलहुँ ! हमरा आसमे हमर माइ आइ अपन प्राण त्याग कऽ लेलक ! हम बहुत अभागल छी, हम बहुत पापी छी, जे हम अपन माइ बाबुकेँ बात नञि मानलहुँ, हमरासँ आइ बहुत अपराध भेल ! हम आइ कतहु के नञि रहलहुँ ! एतबामे बाबु आऽ काका सभ क्यो बाँस काटि कए आबि गेलाह, माइक अंतिम संस्कार करबाक लेल ....
( समाप्प्त )
( समाप्प्त )
Saturday, 1 March 2014
दहेज मुक्त मिथिलाक ३ वर्ष पूरा
मिथिलावासी द्वारा छिटफुट सही, मुदा कतेको रास प्रयास अपन गति ओ रंगमे संचालित कैल जा रहल अछि। ताहिमे सँ एक अछि - फेसबुकिया युवा-युवती सब द्वारा संचालित 'दहेज मुक्त मिथिला' जे आब अपन तेसर वर्ष सेहो ३ मार्च, २०१४ केँ पूरा करय लेल जा रहल अछि।
एहि अवसरपर दहेज मुक्त मिथिलाक तरफ सँ १०० पेजक एक स्मारिका छपेबाक विचार भेल अछि। एहि स्मारिकामे दहेज मुक्त मिथिलाक स्थापना सँ लैत आइ धरिक यात्रा पर समीक्षा, अहाँक विचार, वर्तमान मिथिला समाजमे वैवाहिक व्यवहारमे आडंबर व अन्य कूरीति पर अहाँक लिखल आलेख, दहेज मुक्त मिथिलाक स्वतंत्र शाखा स्थापना लेल प्रस्तावना, जनजागृति लेल विगत मे कैल गेल कार्यक्रम व ओकर प्रभाव आदि जेहेन जिनका सँ संभव हो से १५ मार्च धरि निम्न स्थान पर पोस्ट करैत या इमेल द्वारा पठाबी।
१. दहेज मुक्त मिथिला केर फेसबुक ग्रुपपर
:https://www.facebook.com/groups/dahejmuktmithila/
www.dahejmuktmithila.org
विज्ञापन व अन्य सहयोग देबाक लेल सम्पर्क करी:
१. पंकज झा, राष्ट्रीय अध्यक्ष - 09320405164/ 9821405164
२. संजय मिश्रा, महाराष्ट्र अध्यक्ष - 09820896477
३. मदन ठाकुर, दिल्ली अध्यक्ष - 09312460150
४. संतोष चौधरी, राष्ट्रीय सचिव - 9910607720
५. प्रवीण चौधरी, अन्तर्राष्ट्रीय संयोजक - 00977- 9852022981
कृपया अपन सदस्यता ग्रहण करी, लेकिन याद राखी, सदस्यता केवल ओहि व्यक्ति, परिवार वा संस्थान लेल जे निम्न शपथ लेने होइ:
'हम न माँगरूपी दहेज लेब न दहेज देब'
'हम न अपन धिया-पुताक विवाहमे माँगरूपी दहेज लेब वा देब'
'हम माँगरूपी दहेजक लेन-देनवला विवाहमे सहभागी सेहो नहि बनब'
उपरोक्त बात तऽ भेल दहेज प्रतिकार सम्बन्धी आ स्वच्छ सुन्दर मिथिला समाज निर्माण लेल। एकर अतिरिक्त एहि संस्थाक प्रमुख उद्देश्य अछि मिथिलाक ऐतिहासिक, पारंपरिक, सांस्कृतिक, भाषिक व अन्य कोनो भी तरहक 'धरोहर'केर संरक्षण। जँ अहाँ एकर सदस्य छी, अपन गाम वा आसपास कोनो धरोहरक संरक्षण लेल उत्सुक छी, तँ समस्त भारत व विश्वमे रहनिहार दमुमि सदस्य मैथिलक सामूहिक लगानीसँ - स्वयंसेवाक तर्जपर वगैर कोनो याचना वा भीखक कोषसँ यथासंभव धरोहरकेर संरक्षण करू।
एहि संस्थासँ जुडबाक लेल व अपन योगदान पठेबाक लेल खाता विवरण निम्न अछि, संगहि कोनो भी योगदानक रसीद व प्रमाणपत्र लेब नहि बिसरब, एहि सँ अहाँकेँ बाकायदा आयकर छूट सेहो भेटबाक संभावना अछि आ अहाँक एक-एक छदामक हिसाब दूधक दूध आ पानिक-पानि समान सीधा एक माँग पर भेटबाक वचनबद्धता अछि।
ACCOUNT NAME: DAHEJ MUKTA MITHILA
BANK NAME : PUNJAB NATIONAL BANK
ACCOUNT NO. 0063000100244217
IFSC CODE: PUNB0006300
BRANCH : KALBADEVI, MUMBAI
खातावालाक नाम: दहेज मुक्त मिथिला
बैंक: पंजाब नेशनल बैंक, कलबादेवी शाखा, मुंबई, महाराष्ट्र
खाता संख्या: ००६३०००१००२४४२१७
आइएफएससी कोड: PUNB0006300
Wednesday, 26 February 2014
Tuesday, 25 February 2014
Monday, 24 February 2014
मिथिलावासी सोसाइटीक आगामी वैसार
मिथिलावासी सोसाइटीक आगामी वैसार २ मार्च २०१४ क' सम्भावित अछि. अपने लोकनि सँ आग्रह जे १० बजे भोर , इ- १० , एस. एल . एफ, वेद विहार, मदर केअर स्कूल, नजदीक बी ब्लाक पार्क डी. एल. एफ. अंकुर विहार, अपन अपन सहभागिता सुनिश्चित करि. किछु नव - नव बात पर चर्चा होएत, तेन हेतु समयक प्रबंध में एखनहि सँ लागि जाउ. कोनो तरहक परिवर्तन अगर होएत ता अपने लोकनि के सेहओ सुचना देल जाएत. धन्यबाद
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